साबर कृष्ण सरस्वती साधना || Sabar Krishna Sarasvati Sadhna

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क्या आपके बच्चे पढ़ाई में कमजोर हैं? क्या आपका मन अशांत रहता है ? घर में प्रसनता  की कमी है?  क्या आप ज्ञान प्राप्ति चाहते हैं जिससे एक नई  रौशनी पैदा हो और घर में प्रेम पूर्ण वातावरण बने जिससे प्रसन्न होकर आपका ह्रदय ख़ुशी से भर उठे, बुद्धि का विकास हो और सभी ओर से प्रसन्नता  के सन्देश मिले, यह हर कोइ चाहता है कि उसे दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हो| मैं अपनी स्वयं के द्वारा परखी हुई या यह कहूँ कि पूर्ण रूप से अनुभूत की हुई साधना “कृष्ण  सरस्वती साधना” साबर विधि  से दे रहा हूँ | मुझे आशा है कि आप इस साधना का लाभ अवश्य प्राप्त करेंगे | यह साधना आपकी बुद्धि का विकास करेगी और मन में एक नवीन शक्ति का संचार करेगी | यह एक ओर जहां बच्चो में ज्ञान का विकास करती है वही दूसरी ओर मन में असीम शांति भी देती है | आत्मचिंतन का मार्ग खोल देती है | दिल में प्रेम के अंकुर को प्रस्फुटित कर चेतना को विकसित करती है क्योकि श्रीकृष्ण प्रेम का ही रूप है | इस साधना को कृष्ण जन्माष्टमी, बसंत पंचमी या किसी भी शुक्लपक्ष के गुरुवार से शुरू करें इसके लिए तिथि पूर्णिमा, पंचमी एवं  अष्टमी तिथि विशेष फलदाई है |

 

साधना समय – यह  ११ दिन की साधना है |

साधना काल सुबह का समय उत्तम है | आप रात 7 से 10 बजे के बीच भी साधना  कर सकते हैं |

वस्त्र —- पीले वस्त्र उत्तम हैं| सफ़ेद भी धारण कर सकते हैं | आसन भी पीला या सफ़ेद लें |

दिशा उत्तर की तरफ मुख कर बैठें |

पूजन समग्रीपीले पुष्प, धूप, घी का दीप जो साधना काल में पुरे समय जलता रहना चाहिएगंगा जल और अक्षत (चावल के बिना टूटे दाने),फल, फूल, मिश्री, मेवा  आदि  जो आपके पास सामग्री उपलब्ध हो |

माला माला सफेद हकीक की लें | अगर ना मिले तो एक घंटा जप कर सकते हैं, मिल जाए तो बहुत उत्तम है | आपको कुल 1, 5 अथवा 11 माला मंत्र जप करना है |

भोग दूध से बना भोगखीर हो तो बहुत अच्छा है | इसके अलावा मिश्री मेवा भी ले सकते हैं |

साबर   मन्त्र

|| उठ सरस्वती दीपक बालोहरिमंदिर से हुये  चानन , गुरु के ज्ञान ध्यान ,

पैज पत रखे आप श्री कृष्ण भगवान ||

Sabar Mantra

||  Uth Saraswati Deepak Baalo, HariMandir se Hue Chaanan,

Guru Ke Gyaan Dhyaan, Paij Pat Rakhe Aap Shree Krishan Bhagwaan ||

यह मन्त्र उच्चकोटि के संतो द्वारा दिया गया है और आपके लाभ  के लिए प्रस्तुत कर रहा हूँ  |

 

विधि  एक बाजोट पर पीला वस्त्र बिछा लें | तत्पश्चात सदगुरु देव जी का चित्र स्थापित करें और साथ में श्री कृष्ण और सरस्वती का चित्र भी स्थापित करें सदगुरुदेव का पूजन करें और मन्त्र एक पेपर पर लिख कर उनके श्री चरणों में रख दें और पूजन के पश्चात् गुरुदेव से साधना की आज्ञा लेते हुए मन्त्र ग्रहण करें, अर्थात पेपर उठाकर बोल कर तीन बार पढ़ें | ऐसा लगे कि सदगुरुदेव आपको मन्त्र दे रहे हैं | आप उनको सुना रहे हैं | इस तरह मन्त्र दीक्षा  पूर्ण हो जाती है और गुरु जी का साधना के लिए आशीर्वाद भी | गुरु पूजन के पश्चात्  गणेश जी और माँ सरस्वती का पूजन करें और कृष्ण भगवान का पूजन कर सफलता के लिए प्रार्थना करें | इसके बाद मन्त्र जप शुरू  कर सकते हैं अगर हो सके तो दीपक की स्थिर लौ पर त्राटक करते हुए जप करें इसके लिए यन्त्र की आवश्कता नहीं |

११ वें दिन खीर का भोग बनाये  और पूजन करें | साधना पूर्ण होने पर खीर का भोग अर्पित करें | उसमें थोडा सा शहद मिला कर जप के वक़्त सामने अपने पास रखें | बाद में खीर अपने बच्चों को और पत्नी सहित स्वयं या घर के छोटे बड़े सभी सदस्यों को वितरित कर दें और गुरु जी को धन्यवाद दें और सफलता की प्रार्थना करें |  माला आप स्वयं पहन लें या बच्चे को पहना दें |