श्री बटुक भैरव साधना (अष्ट भैरव साधना) – Shree Batuk Bhairav Sadhna

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श्री बटुक भैरव जी दुर्गाजी के पुत्र कहे जाते हैं ! बटुक भैरव जी साधक की हर साधना में रक्षा करते हैं और इस आज के भयमय वातावरण में भी साधक के साथ साये की तरह रहते हुए उसे पूर्ण सुरक्षा देते हैं ! इस लिए यह आज के युग में भय मुक्त जीवन के लिए आवश्यक साधना है ! भैरव […]

ऋण मुक्ति भैरव साधना (अष्ट भैरव साधना) – Rin Mukti Bhairav Sadhna

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हर व्यक्ति के जीवन में ऋण एक अभिशाप है ! एक बार व्यक्ति इसमें फंस गया तो धंसता चला जाता है ! सूद की चिंता धीरे धीरे मस्तिष्क पर हावी होती चली जाती है, जिसका असर स्वास्थ्य पर होना भी स्वाभाविक है ! प्रत्येक व्यक्ति पर ६ किस्म का ऋण होता है, जिसमें पितृ ऋण, मातृ ऋण, भूमि ऋण ,गुरु ऋण और भ्राता ऋण […]

रुरु (रूद्र) भैरव साधना (अष्ट भैरव साधना) – Ruru Bhairav Sadhna

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भैरव जी का यह रूप विशेष तौर पर संपत्ति, धन आदि प्रदान करने वाला है | इससे रोजगार के मौके मिलते हैं और घर में प्रेम का वातावरण बनता है | जीवन की मुश्किलों पर साधक विजय प्राप्त करता है |  नियम  इस साधना को जब करना हो तो खट्टे पदार्थों का सेवन न करें | साधना के दिन किसी श्वान […]

असितांग भैरव साधना-Asitang Bhairav Sadhna

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यह भैरव का रूप विशेष कर भयंकर से भयंकर रोग को दूर करता है | असाध्य रोग नष्ट होते हैं | आगे रोगों से सुरक्षा आदि होती है | अगर आपका कोई परिचित असाध्य रोग से पीड़ित है तो आप उसके लिए भी यह साधना कर सकते हैं | इसके बहुत से लाभ हैं | आंतरिक दुंदू, मानसिक रोग ,चिंता का हरण , मन में चल […]

उन्मत भैरव साधना-Unmat Bhairav Sadhna

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भैरव साधना अर्थात भय से मुक्ति की क्रिया | आज कौन नहीं चाहता कि भय से मुक्ति पाकर निर्विघ्न जीवन जिये, पर हमारे ग्रंथ इन साधनाओं के खजाने हैं , फिर भी लोग तंत्र मंत्र से भय खाते हैं | क्यों …? क्योंकि कुछ लालची लोगों ने इन विद्याओं को अपना व्यापार बना लिया है और तरह तरह के ज्योतिष का ज्ञान रखने वाले तथाकथित तांत्रिक […]

तांत्रोक्त भैरव कवच-Tantrokt Bhairav Kawach

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ॐ सहस्त्रारे महाचक्रे कर्पूरधवले गुरुः | पातु मां बटुको देवो भैरवः सर्वकर्मसु ||१|| पूर्वस्यामसितांगो मां दिशि रक्षतु सर्वदा | आग्नेयां च रुरुः पातु दक्षिणे चण्ड भैरवः ||२|| नैॠत्यां क्रोधनः पातु उन्मत्तः पातु पश्चिमे | वायव्यां मां कपाली च नित्यं पायात् सुरेश्वरः||३|| भीषणो भैरवः पातु उत्तरास्यां तु सर्वदा | संहार भैरवः पायादीशान्यां च महेश्वरः ||४|| ऊर्ध्वं पातु विधाता च पाताले नन्दको विभुः | सद्योजातस्तु […]

भैरव स्तोत्र- Bhairav Stotra

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यं यं यं यक्ष रुपं दशदिशिवदनं भूमिकम्पायमानं। सं सं सं संहारमूर्ती शुभ मुकुट जटाशेखरम् चन्द्रबिम्बम्।। दं दं दं दीर्घकायं विकृतनख मुखं चौर्ध्वरोयं करालं। पं पं पं पापनाशं प्रणमत सततं भैरवं क्षेत्रपालम्।।१।। रं रं रं रक्तवर्ण कटक कटितनुं तीक्ष्णदंष्ट्राविशालम्। घं घं घं घोर घोष घ घ घ घ घर्घरा घोर नादम्।। कं कं कं काल रूपं […]

श्री बटुक भैरव अपराध क्षमापन स्त्रोत्र- Shri Batuk Bhairav Apradh Kshmapan Strotra

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ॐ गुरोः सेवा व्याकत्वा गुरुबचन शकतोपि न भवे भवत्पुजा – ध्यानाज्ज्प हवन  –यागा  दिरहित : ! त्व्दर्चा- निर्माणे क्वचिदपि न यत्नं च कृतवान , जग ज्जाल-ग्रस्तों झटितिकुरु हादर मायि विभो !! 1 !! प्रभु दुर्गा सुनो ! तव शरणतां सोयधिगतवान , कृपालों ! दुखार्त: कमपि भवदन्नयं प्रकथये ! सुहृत ! सम्पतेयहं सरल –विरल साधक जन , स्तवदन्य: क्स्त्राता भव-दहन –दाहं शमयति !!2!! वदान्यों मन्यसत्वं […]