समर्पण –10– औघड़ साधना का एक रूप
कई दिनों से औघड़ शमशान पर दृष्टि रखे हुए था | आज बहुत दिनों के बाद उसे अपनी मनोवांछित सिद्धि करने का मौका मिला था इसलिए वो चूकना नहीं चाहता था | कुछ लोग एक मरे हुए बच्चे को लाकर उस शमशान में दबा गये थे | चारों तरफ घनघोर जंगल था और अब अकेला […]