अनुभूत पत्नी ग्रह वासिनी साबर मंत्र साधना || Patni greh vasini sadhna prayog

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एक दोस्त का मेसेज मिला वह अपनी पत्नी से बहुत प्यार करता था | वह एक अच्छे पद पर सरकारी नौकरी भी करता था | उसके पिता भी अच्छी सरकारी नौकरी में थे | शादी हुई, कुछ दिन ठीक ठाक रहा |फिर अचानक पत्नी ने उसे कहा कि मैं आपके परिवार के साथ नहीं रहना चाहती, तुम उनसे अपना हिस्सा लेकर जुदा सेपरेट रहो | उसके घर में माँ पिता के अलावा उसकी बहन थी जिसकी शादी अभी करनी थी | लेकिन उसके मना करने से कलेश रहने लगा और पत्नी मायके अपने पिता के घर चली गई | वो लोग मनाने गए तो उनकी शर्त थी कि तुम अलग रहो | आखिर कोई समझौता न हुआ और सुसराल वालों ने डाउरी केस फ़ाइल कर दिया | दोनों बाप बेटे की नौकरी चली गई और कर्जा लेकर 5 लाख रुपए लड़की वालों को देने पड़े | आज दोनों गुमनाम ज़िंदगी किसी दूसरे शहर में बिता रहे हैं ताकि  उसकी बहन की शादी हो सके | इस तरह एक घर बर्बाद हो गया | 

एक दूसरा मेसेज मिला जिसमें भी कुछ ऐसे ही हालात हैं | पति सरकारी नौकरी में है | घर में बीमार माँ है | उसकी पत्नी बार बार झगड़ा कर मायके चली जाती है और कहती है, अपनी माँ से अलग हो मेरे पिता के घर आकर रहो | उसकी मजबूरी है कि बीमार माँ को छोड़ नहीं सकता | डरता है कि उसे धमकी मिल रही है वह केस कर देंगे डाउरी का |

एक अन्य मेसेज में पति ने अपनी पत्नी को उच्च शिक्षा दिलाई, उसे सरकारी नौकरी लगवाई, उसकी बेहतरी के लिए अनेक प्रयत्न किए लेकिन वह किसी और के साथ चली गई | इस समाज में ऐसा बहुत बार होता है | ऐसे अनेक मेसेज, ईमेल मुझे आते रहते हैं | जिससे पत्निओं की मनमर्जी, बार बार झगड़ा करने से उन लोगों की ज़िंदगी नरक बनी हुई है | यह साधना उन सभी दोस्तों, पाठकों एवं लोगों के लिए रामबाण जैसा असर करेगी | इस साधना से पत्नी का वास पति घर में स्थाई तौर पर रहता है | वह झगड़ा कर अपने पिता के यहाँ नहीं जाती अपनी घर गृहस्थी अच्छे से संभालती है | ससुरपक्ष की तरफ से विरोध परेशानी नहीं बनती | कन्या पति घर में मन लगा कर रहती है |

विधि

इस साधना को किसी भी शुभ दिन शुरू कर सकते हैं | इस मंत्र में शिव गौरी का पूजन करें , भैरव जी की आज्ञा लें और मीठी रोटी किसी शवान को डाले और मंत्र जप शुरू कर लें | इसमें खाली धूप लगा सकते हैं | दीप की इतनी आवश्यकता नहीं होती | इस मंत्र का जप आप 9000 कर लें  | यह जप आप कितने भी दिन में कर सकते हैं,  यह आप पर है | दिशा उत्तर ठीक है | आसन कोई भी चल जाएगा | माला कोई भी ले लीजिये | जप करते वक्त पास में साँभर नमक की 108 डली रख लें जो छोटे आकार की हो | यह किसी कटोरी में रख लें | जब मंत्र जप पूरा हो जाए तो वह नमक किसी तरह अपनी पत्नी को खिला दें | दाल सब्जी भाजी आदि में खिला सकते हैं बिना बताये | इससे उस लड़की का वास पति के घर में रहता है | कभी झगड़े जैसी स्थिति पैदा नहीं होती | सुसराल पक्ष भी उसके हक़ में रहता है | यह साधना जन कल्याण हेतु पोस्ट की जा रही है |

साबर मंत्र 

ॐ भोगराज भयंकर परिमूय उत उधरई जोई जोई देखे |

मारकर तासो सो दीखै पाँव परन्ता ॐ नमो ठ: ठ: स्वाहा ||

 

इस मंत्र से कोई एक घर भी टूटने से बच सका तो मेरा लिखना सार्थक होगा |

 जय श्रीधाम… जय सिद्धाश्रम |

 

ॐ