यह साधना मेरी ही नहीं कई साधकों की अनुभूत है | काफी उच्च कोटी के संतो से प्राप्त हुई है और फकीरों में की जाने वाली साधना है | इसके बहुत लाभ हैं | यह एक बहुत ही चमत्कारी साधना है |
1. इस साधना से किसी भी अनसुलझे प्रशन का उत्तर जाना जा सकता है | अगर इसको सिद्ध कर लिया जाए और मात्र 5 या 10 मिनट इस मंत्र का जप कर सो जाए या आंखे बंद कर लेट जाए तो यह चलचित्र की तरह सभी सवालों के उत्तर दिखा देती है और जो भी आपका प्रश्न है उसका उतर दिखा देती है | कई बार कान में आवाज भी दे देती है जो आप जानना चाहते हैं | ऐसा बहुत बार परखा गया है |
2. इस साधना से किसी भी शारीरिक दर्द का इलाज किया जा सकता है | दर्द चाहे कहीं भी हो इस मंत्र को पढ़ते हुए यदि कुछ देर दर्द वाली जगह पर हाथ फेरा जाए तो कुछ ही मिनटों में दर्द गायब हो जाता है |
3. इससे किसी भी भूत प्रेत को शांत किया जा सकता है | इस मंत्र से बतासे अभिमंत्रित कर रोगी को पहले एक दिया जाता है, फिर दूसरा और फिर तीसरा और उस पर जो भी छाया होती है वह उसी वक़्त सवारी में हाजिर हो जाती है | तभी उससे पूछ लिया जाता है कि उसे क्या चाहिए और कहाँ से आई है, किसने भेजा है आदि आदि और फिर उसे और बताशा दिया जाता है | जिससे वह शांत होकर चले जाती है | इस तरह बहुत बार परखा गया है | यह बहुत ही आसान साधना है | भूत प्रेत भगाने और अगर देवता की क्रोपी भी है इस विधि से वो भी बता देते हैं कि उन्हे क्या चाहिए | इसका प्रयोग सिर्फ अनुभवी व्यक्ति ही करे | इसका एक अलग विधान है |
यह कैसे करना है |
इस साधना को होली और फिर आने वाले ग्रहण में करें | जितनी बार भी की जाती है इसकी शक्ति बढ़ती है |
4. यदि इसे अनुष्ठान रूप में स्वा लाख जप लिया जाए तो व्यक्ति हवा में से मनचाहा भोजन प्राप्त कर सकता है | जब अनुष्ठान के रूप में की जाती है तो साधना समाप्ती पर दो आदमी प्रकट होते हैं जिनके हाथों में बाजे होते हैं | जब वह दिखे तब सवाल जबाब कर लेना चाहिए | उसके बाद वह शून्य में से पदार्थ प्राप्त करा देते हैं | हमारे संत बताते थे कि इससे स्वर्ग तक की चीजें भी प्राप्त कर सकते हैं और हर प्रकार का स्वादिष्ट भोजन भी | कई साधू लोग इसी के बल पर जंगल में बैठे बढ़िया भोजन प्राप्त कर लेते हैं | इसका अनुष्ठान 40 दिन में सवा लाख मंत्र जपे करें | अगर किसी कारण पहली बार सफलता न मिले तो घबराए न, दोबारा करें , यह अनुभूत है |
इस साधना के मैंने बहुत लाभ प्राप्त किए हैं | यह भूत भविष्य दर्शन की एक बेजोड़ साधना है | इसका साधक कभी भूत प्रेत के चक्र में नहीं फंसता और अपनी व अपने सभी साथियों की सुरक्षा कर लेता है |
इससे किसी के भी मन की बात जान सकते हैं और उसे अपने अनुकूल बना सकते हैं और यह साधना घर से गए व्यक्ति का पता कुछ ही मिनटों में लगा लेती है |
कुछ ही दिन करने से इस साधना की दिव्यता का स्वयं पता चल जाता है |
विधि
1. इस साधना को सफ़ेद वस्त्र धारण कर करें |
2.आसन सफ़ेद हो |
3.माला सफ़ेद हकीक की लें |
4.दिशा उत्तर रहे |
5.अगर होली या ग्रहण पे कर रहे हैं तो 11 माला कर लें | मगर इससे पूर्ण लाभ नहीं मिलेंगे, सिर्फ आने वाले समय के बारे में स्वप्न में जानकारी मिल जाएगी और किसी प्रश्न का उतर पता लगाया जा सकता है |
6.अगर इसे अनुष्ठान के रूप में करते हैं तो जो उपर कहे सभी लाभ मिल जाते हैं |
7.आसन पर बैठ जाएँ | पहले गुरु पूजन और गणेश पूजन कर फिर शिव आज्ञा या गुरु आज्ञा लें और अपने सामने एक कागज पर थोड़े चावल, चीनी और घी जोकि गाय का हो रख लें | कागज पर बस थोड़ा थोड़ा ही डालें और मंत्र जप पूर्ण होने पर उसे किसी चोराहे पर छोड़ दें और घर आकर मुह हाथ धो लें | इस तरह यह साधना सिद्ध हो जाती है | अगर सवा लाख कर रहे हैं तो यह सामग्री रोज भी ले सकते हैं और पहले या अंतिम दिन भी ले सकते हैं | जैसी आपकी इच्छा कर लें मगर इस सामग्री को बिना रखे साधना न करें , नहीं तो शरीर मिटटी के समान बेजान सा लगता है जब तक आप यह पुजा नहीं रखते |
8.जब किसी के घर जा रहे हैं अगर कोई बुलाने आया है कि हमारा घर देखो क्या हुआ है तो इस मंत्र से कुछ बतासे पढ़ कर छत पर डाल दें या फिर चौराहे पर छोड़ दें और फिर जाएँ या 7 बतासे लेकर उन्हे पढ़ कर उन में से चार छत पर डाल दें, बाकी तीन साथ ले जाएँ और रोगी को एक एक करके दे देने से वो ठीक हो जाता है या उस पर अगर कुछ होगा तो बोल देगा |
9.साधना काल में शुद्ध घी का दीपक जलता रहना चाहिए और अगरबत्ती आदि लगा दें |
10. साधना काल में ब्रह्मचर्य का पालन अनिवार्य है |