खवाजा जी की बहुत ही दुर्लभ अद्भुत साधना | Sadhna of Khwaja Ji

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लंबे समय से साधकों की मांग थी कि वरुण देव की कोई सुलेमानी साधना पोस्ट करूँ | यह साधना हजारों बार परखी हुई है और मैंने स्वयं भी इसे सिद्ध किया है | यह बहुत ही अद्भुत साधना है | इसके बहुत लाभ प्रत्यक्ष रूप में मिलते हैं |यह साधना जितनी बार भी की गई रिजल्ट 100% मिले | आप भी इसे करें |

1. यह साधना किसी भी देव सिद्धि को देने में समक्ष है |

2.अगर आप साधना कर के थक गए हैं,  देव आपकी नहीं सुनता तो आप इसे सिद्ध करें और एक मिठाई के डिब्बे में कुछ मीठे चावल जो पीले रंग के हों, रख दें और एक खत लिखें उस देवता के नाम | केसर से कागज पर लिखना है | उसमें आपकी जो भी मनोकामना हो लिख दें या आप जैसा चाहते हैं और किसी नदी पर जाकर इस मंत्र का 5 माला जप करें और उस कागज को डिब्बे में चावल के साथ रखकर कहें – हे खुवाजा जी आप मेरी बात इस देव तक पहुंचा दें, यह मुझे जल्दी सिद्ध हो और 5 माला के बाद उस डिब्बे को जल प्रवाह करे दें | आपकी बात उस देवता तक पहुँच जाएगी | अगर वह फिर भी आपकी बात नहीं सुनेगा तो खुवाजा जी उसे जल देना बंद कर देते हैं | उसे आपकी बात का मान रखना ही पड़ेगा  |

3. इस मंत्र से प्रत्यक्ष आवाज आती है और आपको बहुत से रहस्य से अवगत करा देती है और बहुत बार आपको लॉटरी आदि या सट्टे का नंबर दे देती है |

4. इससे पीर प्रत्यक्ष दर्शन देते हैं और गैबी ईलम सिद्ध करने में मदद करते हैं |

5. इस साधना से भैरव, काली आदि साधनाएं स्वयं सिद्ध हो जाती हैं और जोगन आदि स्वयं सिद्ध होकर कार्य करती है | यह साधना बहुत सी साधनाओं का आधार बन जाती है | मेरी स्वयं की अनुभूत साधना है | इससे अगर कोई ईलम या तंत्र प्रयोग आप पर करता है तो आपको पहले पता चल जाता है | मेरी कोशिश है कि दुर्लभ साधनाएं आप तक पहुंचे पर सुलेमानी तंत्र की साधनाएं लिखने की मनाही है इसलिए कोई भी ऐसी साधना के लिए व्यक्तिगत मिलना जरूरी होता है | काफी कोशिश के बाद यह साधना पोस्ट कर रहा हूँ | ऐसे बहुत साधना प्रयोग हैं जो व्यक्तिगत ही लेने चाहिए |

विधि 

इसे 5 माला 41 दिन करना चाहिए  | साधना चलते जल के पास बैठकर या जल में खड़े होकर करें | इसके लिए पहले मीठे चावल बनाकर एक दिया नदी के किनारे कर देना चाहिए और प्रार्थना कर वो चावल जल में डाल कर आज्ञा ले लेनी चाहिए और कुछ फूल जल में डाल कर पूजन करें और फिर आज्ञा के बाद गुरु पूजन करें और इस साधना को शुरू करें | हर रोज 5 माला जप करें | साधना समाप्ति पर फिर से चावल मीठे बनाकर देने हैं | इस प्रकार यह साधना सिद्ध हो जाती है और आप इसका प्रयोग कर सकते हैं |

यह किसी भी तंत्र आदि को नष्ट कर सकती है और मूठ आदि को वापिस कर देती है | बस जल हाथ में लेकर मंत्र पढ़ें और उस तरफ फेंक दें जिधर से मूठ आदि आ रही है | उसी वक़्त वापिस हो जाएगी | मनोकामना के लिए इसे जैसा पहले मैंने कहा है केसर से कागज़ पर एक चिट्ठी (पत्र ) लिखें और मीठे चावल बनाकर उसे दोने या डिब्बे में रखकर एक अगरबत्ती लगा दें और कागज़ बीच में रोल करके खड़ा कर दें और 5 माला जप करके जल प्रवाह कर दें और अपनी इच्छा ख्वाजा जी से बोल दें |

आसन कोई भी ले सकते हैं | अगर जल में खड़े होकर कर रहे हो तो आसन का कोई नियम नहीं है | वस्त्र सफ़ेद हों | माला 101 मनके की तस्बीह लें या 108 वाली भी चलेगी क्योंकि इसे हिन्दू और मुसलमान दोनों कर सकते हैं | यह पीर सभी के सांझे हैं | रोज बहते पानी में साधना के बाद और पहले कुछ फूल और बताशे बहा दें | इसके बहुत से अनुभव होंगे | कई बार आवाजें आएँगी और कई बार ऐसा लगेगा कि कोई बुजुर्ग पीर आपके सामने खड़ा है और आपसे बात कर रहा है | वो बातें और अनुभव अपने तक ही रखें  | कई बार इसमें ख्वाजा जी के बेलदार आ जाते हैं | उनको देखकर डरें नहीं | बहुत ही बड़े काले से पहलवान की तरह दिखने वाले होते हैं और ऐसा होने पर दुसरे दिन चने उबाल कर जल में डाल दें | इससे आपकी रक्षा के लिए बहुत सी ताकतें मिल जाएँगी | इस साधना का कोई नुक्सान नहीं होता फिर भी अगर आप इसको किसी योग्य निर्देशन में करें तो बहुत उचित है |

साबर मंत्र

बिस्मिल्ला अल्ला साव की बंदगी नवी साव का नूर |

तसवी खुवाजा खिजर की कुल आलम हाजर हजूर |

चार यार बराबर चले पंजवे पाक रसूल |

करो मेरा मकसूद हासिल | 

या गफूर या गफूर या गफूर ||