बहुत बार कुंडली में शनि दोष के कारण विवाह में बार बार बाधा आती है | इतना ही नहीं जिनकी शादी नहीं होती वह बहुत बार समाज के तिरस्कार का पात्र बन जाते हैं | कारण चाहे कोई भी हो | यह साधना जहां शादी में आ रही रुकावट दूर करती है वहीँ सही रूप में अच्छे जीवन साथी की प्राप्ति भी करा देती है | विवाह में आ रही हर प्रकार की रुकावट अपने आप हटकर योग्य रिश्ते के योग बन जाते हैं |
- इस साधना को किसी भी शनिवार करें | यह एक दिन की साधना है |
- आसन लाल लें, वस्त्र कोई भी पहन सकते हैं |
- दिशा पच्छिम की तरफ मुख रखें |
- माला रुद्राक्ष की लें |
- एक बाजोट पर लाल वस्त्र बिछा कर उस पर शनि देव का कोई भी चित्र अथवा प्रतिमा स्थापित करें | उसका पूजन पंचौपचार से करें | उस चित्र के आगे एक फूलों की ढेरी लगा दें | उस पर एक पानी वाला नारियल स्थापित कर दें | उस नारियल का पूजन भी पंचौपचार से करें | जिसमें धूप, दीप, पुष्प, अक्षत, नवेद्य आदि हो | अब साधक लाल आसन पर पच्छिम दिशा की ओर मुख कर बैठ जाए | साधना शुरू करने से पहले गुरु पूजन और गणेश पूजन जरूर कर लें | फिर गुरु मंत्र का 5 माला जप करें | फिर रुद्राक्ष की माला से निम्न शनि मंत्र का 9 माला जप करें | जप के बाद श्रद्धा से नमस्कार करें और शनि भगवान से अपने विवाह में आ रही बाधा के शमन के लिए प्रार्थना करें |
- दूसरे दिन नारियल को जल प्रवाह कर दें | फूल किसी वस्त्र आदि में सँभाल कर पुजा स्थल में रहने दें | इस तरह यह साधना पूर्ण हो जाती है | इससे विवाह के कार्य में आ रही बाधा हट जाती है |
मंत्र
|| ॐ यं ह्रीं शं ॐ ||
|| Om Yam Hreem Sham Om ||