विधा बुद्धि की प्राप्ति एवं शिक्षा क्षेत्र में प्रगति हेतु कामना अहर्निश हम भगवती सरस्वती से करते हैं ! आज शिक्षा एवम प्रतियोगिता क्षेत्र में प्रत्येक छात्र मर –मिटने को तैयार मालूम होता है ! ऐसी स्थिति में दैवीय सहायता लेनी आवश्यक हो जाती है ! इसलिए विधार्थी जगत को एक रहस्यात्मक साधना प्रयोग एवं अनुष्ठान बता रहा हूँ जो बहुत दुर्लभ एवं गोपनीय रहा है ! इस साधना से बुद्धि की प्रखरता एवं विधा क्षेत्र में प्रगति प्रशस्त हो जाती है ! इस मंत्र को गुरु मुख से प्राप्त करें | संभव न हो तो मंत्र एक कागज पर लिख कर गुरु चरणों में अर्पित करें और पूजन कर उसे इस प्रकार प्रार्थना करते हुए ग्रहण करें जैसे गुरु जी से दीक्षा ले रहे हों और फिर गणेश जी का पूजन कर सरस्वती पूजन करें और भोग के लिए मिश्री और छोटी इलायची किसी पात्र में सामने रखें ! शुद्ध घी की ज्योत लगाए और इस साधना को सफ़ेद वस्त्र धारण कर पूर्व दिशा की और मुख कर करना है | यह साधना 40 दिन की है ! मंत्र जप सफ़ेद हकीक या स्फटिक की माला से करें ! साधना के अंतिम दिन किसी पात्र में अग्नि जला कर खीर और घी से 1008 आहुति दें ! इस प्रकार साधना सिद्ध हो जाती है और व्यक्ति को चमत्कारी लाभ मिलता है !
शुभ मुहूर्त सोमवार के दिन पूर्व मुख होकर सफ़ेद आसन पर बैठें और गुरु पूजन और गणेश पूजन कर संकल्प लें कि मैं गुरु स्वामी निखिलेश्वरानन्द जी का(या जो भी गुरु हों उनका नाम लें ) शिष्य विद्या क्षेत्र में सफलता प्राप्ति के लिए यह साधना कर रहा हूँ , हे गुरुदेव आप मुझे सफलता प्रदान करें ! इतना कह कर जल भूमि पर छोड़ दीजिये !
अब हाथ में जल लेकर विनियोग करें
ॐ अस्य श्री वागवादिनी –शारदा मंत्रस्य मार्कण्डेयक्ष्वलायनौ ऋषि स्रग्धरा- अनुष्ट्भौ छन्द्सी, श्री सरस्वती देवता श्री सरस्वतीप्रसाद-सिद्धयर्थे जपे विनियोग:!
फिर निम्न श्लोक मंत्र से ध्यान करें
ध्यान
ॐ शुकलां ब्रह्मविचारसार –परमा माद्दा जगद्व्यापिनी,
वीणा-पुस्तक –धरिणीमभयदां जङ्यन्धकारापहाम !!
हस्ते स्फटिक –मालिकां विधधती पदद्मासने संस्थिताम,
वन्दे तां परमेश्र्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदां !!
इस के बाद 11 माला निम्न मंत्र की शुद्ध चित से करें और 40 दिन करें ! साधना के लिए समय शाम ७ से १० बजे तक का और अगर सुबह करें तो ब्रह्म मुहूर्त से ६ वजे तक का समय ठीक है |
मंत्र
|| ॐ ह्रीम ऐं ह्रीं ॐ वाग्देव्यै नमः ||
|| Om Hreem Aim Hreem Om Vaagdevyai Namah ||
इसके बाद सरस्वती स्तोत्र को एक बार पढ़ लें तो विशेष अनुकूलता रहती है !