इस मंत्र का जप ग्रहण काल में 108 बार कर सिद्ध कर लें और जब भी कोई ऐसी स्थिति आए या किसी को भूत बाधा आदि हो तो 7 बार पढ़ कर मोर पंखो से झाड दें, उसकी बाधा शांत हो जाएगी | अगर व्यक्ति स्वयं इस जाल में फस गया हो, कुछ समझ नहीं आ रहा हो तो भी यह मंत्र को सिद्ध करलें तो प्रेत आदि उसको छोड़ कर भाग जाते हैं | अगर कोई पास न हो तो थोड़े चावल इस मंत्र से पढ़ के दें और उसे जल में स्नान करते वक़्त जल में डाल लें तो भी यह बाधा से मुक्ति मिल जाती है | मंत्र सिद्ध है इसे प्रयोग करके के बाद में प्रसाद जरूर बाँट दें और इस मंत्र से होम करने से घर में सभी बाधाएं शांत हो जाती हैं | वस्त्र कोई भी पहन लें | दिशा उतर ठीक है | धूप आदि जलता रहे | जल पास रखें और बाद में किसी पेड़ को डाल दें |
मंत्र
ॐ नमो आदेश गुरुको |
हरी बाये हरी दाये हरी हर बे बिस्तार ,
आगे पीछे हरी खड़े राखे सिरजन हार ||
चमकत बिजली गरजत श्री नर सिंह |
फटंत खभ आपदा काल राख चार चक्र ले |
नर सिंह जी के आगे मेलु इतना सो दूर जाये
पड़े प्राण काल कंटक छल, छिद्र, खेचरी, भूचरी,
भूत, दानव, नाटक चेटक, मार मार वंडी को 360,
टलंत नर सिंह पलंट काया, भगत हेत श्री नर सिंह जी आया,
कपल केश ऊरदव रूप, श्री नर सिंह बली सदा सहाए |
श्री गुरु गोबिन्द के चरणरविंद नमस्ते ||