पुष्प कुबेर साधना | Pushp Kuber Sadhna

यह कुबेर की साधना सम्मोहन, प्रेम विवाह, शीघ्र विवाह और मनोकामना पूर्ती के लिए की जाती है | जैसे कि पुष्प कुबेर के नाम से ही पता चलता है | यह साधना इन कामनाओं के लिए विशेष स्थान रखती है | 

साधना विधि

एक फूल लेकर निम्न मंत्र पढ़ते हुए यन्त्र पर चढ़ाएं

|| ॐ हसौं पुष्प कुबेराये एह: आगच्छ तिष्ठ तिष्ठ स्वाहा ||

1. वस्त्र व आसन – इस साधना को लाल वस्त्र पहन कर लाल आसन पर बैठ कर करना है |

2. दिशा – इसमें उत्तर दिशा की तरफ मुख करना है |

3. माला – इस साधना में मोतियों की माला से जाप करना है |  

4. दिन – मंगलवार को यह साधना की जाती है |

5. समय – शाम 7 बजे से 10 बजे के बीच ठीक है |  

सबसे पहले कुबेर यन्त्र का स्थापन बाजोट पर लाल वस्त्र बिछाकर करें | यन्त्र का पूजन पुष्प, अक्षत, धुप, दीप, नैवेद्य के लिए खीर और फल अर्पित करते हुए करें और यंत्र के समक्ष ही 7 कोड़ियां भी स्थापित करें और उनपर कुमकुम चढ़ाएं | फिर मोती की माला से 7 माला अथवा 11 या 21 माला करें |  जाप समाप्त होने पर पीले रंग का फूल और अक्षत यन्त्र पर चढ़ाएं और खीर का भोग लगाएं | साधना पूरी होने पर प्रसाद या भोग अपने परिवार को तथा स्वयं ग्रहण करें और कुछ दिन तक मानसिक मंत्र जाप करते रहें | इस प्रकार यह साधना पूरी हो जाती है और आपकी मनोकामना पूरी करती है | साधना के बाद सामग्री, यंत्र और माला को छोड़ कर उसी वस्त्र में बाँध कर जल प्रवाह कर दें और कौड़ियाँ किसी लाल वस्त्र में बांध कर सुरक्षित रख लें | यह आपके जीवन में धन की बढ़ोतरी के लिए है |

मंत्र

|| ॐ हसौं पुष्प कुबेराये हुं ||

|| Om Hasaum Pushp Kuberaaye Hum ||