श्री दत्तात्रेय लक्ष्मी साधना (धन वैभव प्राप्ति हेतु) – Shree Dattatreya Laxmi Sadhna

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लक्ष्मी प्राप्ति हर प्रकार की सुख समृद्धि के लिए – भगवान दत्तात्रेय भगवान विष्णु के अंश अवतार होने से सम्पूर्ण लक्ष्मी के स्वामी हैं | इस साधना से व्यक्ति की दरिद्रता दूर होती है | घर में नई खुशियों का आगाज होता है | कर्ज से छुटकारा मिलता है | रुका हुआ कार्य चलने लग जाता है | धन की वजह से सभी रुके कार्य बनने लगते हैं | प्रचुर मात्रा में धन आने लगता है |

 विधि

 

एक बाजोट पर पीला वस्त्र बिछा दें | उसपर भगवान दत्तात्रेय जी का दिव्य महाअवधूत यंत्र अथवा चित्र स्थापित करें | उसके सामने एक कलश स्थापित करें | कलश पर एक पाँच पल्लव लगा कर एक सूखा नारियल चुनरी लपेट कर रख दें | महायंत्र अथवा चित्र का पूजन करें | आप पंचौपचार पूजन कर सकते हैं | महायंत्र या चित्र के सामने चावल यानी अक्षत की पांच ढेरी लगा दें | उनपर पाँच दिये घी के लगा दें | उन दीयों का पूजन भी करें | यह बात याद रखें कि यह दिये पूरी रात जलते रहें | इसलिए बड़े दिये लें | उनमें तिल का तेल या घी इस्तेमाल किया या सकता है | विशेषकर तुलसी दल ,बिल्वपत्र और गेंदे के पीले पुष्प चढ़ा कर पूजन करें | कलश का भी पूजन करें | मेवों का भोग लगाएं | गुरु पूजन और श्री गणेश पूजन साधना से पहले करना अनिवार्य समझा जाए | आसन पीला या लाल लें | दिशा पूर्व ठीक है | अब तुलसी की माला से निम्न मंत्र का 9 माला जप करें |

 

 मंत्र

 

|| ॐ ह्रीं विद्दुत जिव्हाये माणिक्यरूपिणे स्वाहा || 

 

|| Om Hreem Vidyut Jivhaaye Maanikyroopine Swaha ||  


साधना पूर्ण होने पर प्रसाद अपने परिवार में बाँट दें | इस प्रकार यह साधना पूर्ण हो जाती है और घर में धन धान्य की बरसात होने लगती है |