राजराजेश्वरी महालक्ष्मी साधना || Rajrajeshwari Mahalaxmi Sadhna

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दीपावली का शुभ मुहूर्त आ रहा है जोकि महालक्ष्मी साधना का एक सिद्ध मुहूर्त है और उत्तम अवसर है अपने जीवन में प्रचुर धन प्राप्ति का, जिससे वह अपने और अपने परिवार के सभी सपने पूरे कर सके | इंसान को अपने सपने पूरे करने के लिए साधना का आसरा लेना गलत नहीं है, और जब दीपावली जैसे उत्तम अवसर आते हैं तो इस अवसर का लाभ उठाना ही चाहिए क्योंकि इससे श्रेष्ठ लक्ष्मी आती है और घर परिवार में खुशियों के रास्ते खुल जाते हैं |

राज राजेश्वरी महालक्ष्मी आज के युग में कल्पवृक्ष के समान फल देने वाली साधना है |

अब मैंने बहुत से साधकों को यही समस्या से जूझते हुए देखा कि उनके पास या तो धन नहीं है या घर के हालत धन की कमी के कारण खराब हैं और वह चाहकर भी जीवन में आगे नहीं बढ़ पा रहे | उन अपने सभी अनुज भाई और वरिष्ठ दोस्तों के लिए और जो इस समस्या से ग्रस्त हैं, जिनके पास धन का कोई साधन नहीं के बराबर है, उन सभी के लिए यह दीपावली पर विशेष की जाने वाली राजराजेश्वरी महालक्ष्मी साधना दे रहा हूँ | इसे आप अभी से शुरू कर लें | धन तेरस से शुरू कर दीपावली को विशेष पूजन करें और दीपावली तक साधना को करें और हो सके तो दीपावली के बाद भी 21 दिन तक करें | ऐसा हो नहीं सकता आपने यह साधना की और आपके पास धन न आए | इससे साधक सभी प्रकार के ऋण से मुक्त हो कर पूर्ण ऐश्वर्य प्राप्त करता है | सभी प्रकार की परेशानियां दूर होकर धन की पर्याप्त वर्षा होगी | जो इस मंत्र को एक साल तक इसी तरह जाप करता है उसका ऐश्वर्य , भाग्य राजा के समान होता है तथा मन की सभी इच्छाएं पूर्ण होकर असीम शांति एवं तृप्ति पाता है |

विधि 

  • इस साधना को धन तेरस से शुरू कर दीपावली तक किया जाता है, मगर धन तेरस और दीपावली यह शुभ मुहूर्त हैं | अगर धन तेरस पर ना कर पाओ तो अगले दिन से भी शुरू किया जा सकता है, इसलिए आप दीपावली के बाद 21 दिन तक कर लें |
  • इस साधना को पीले वस्त्र पहन कर करें | महिलाएं पीली साड़ी इस्तेमाल कर सकती हैं |
  • आसन पीला ठीक है और दिशा उत्तर |
  • माला कोई भी ले सकते हैं और अगर माला ना हो तो सवा घंटा जाप करें |
  • आपको 21 माला मंत्र जप हर रोज करना है |
  • साधना समय शाम ७ से १० बजे तक अच्छा है बाकी आप अपनी सुविधा अनुसार समय चुन लें |
  • शुद्ध घी की ज्योत साधना काल के समय जलती रहे और कोई भी सुगंधित अगरबत्ती लगा सकते हैं |
  • पूजन महालक्ष्मी जी का पांच प्रकार से करें यानी धूप, दीप, फूल, फल, अक्षत, मिठाई चढ़ा के करें और भोग के लिए खीर अथवा घर में बनी मिठाई का भोग लगा सकते हैं |
  • गुरु पूजन और श्री गणेश पूजन हर साधना में प्रथम करना अनिवार्य होता है |
  • साधना के बाद किसी कन्या को खीर का प्रसाद दें और दक्षिणा देकर आशीर्वाद लें |
  • साधना के अंतिम दिन किसी पात्र में अग्नि जला कर ११ माला मंत्र से हवन जरूर करें |

मुझे आशा है यह साधना आपके जीवन में बहुत बड़ा बदलाव लाएगी |

  मंत्र

 || ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं राजराजेश्वरिये महालक्ष्मीयै नमः || 

 || Om Shreem Hreem Kleem raajraajeshwariye Mahalaxmiyai Namah ||

 

आप सभी को दीपावली की ढेर सारी शुभकामनायें |

ॐ