महा मोहिनी साधना || Maha Mohini Sadhna

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हर व्यक्ति चाहता है कि वो सबसे सुंदर दिखे और हर लड़की चाहती है कि उसे अपूर्व सौंदर्य की प्राप्ति हो | इसके लिए इंसान चाहे वो औरत हो या चाहे मर्द, दोनों प्रयत्नशील रहते हैं | तरह तरह के साधन अपनाते हैं | सौंदर्य सिर्फ बाहर का नहीं अंतर में भी सौंदर्य हो, वाणी में सौंदर्य हो, चेहरे पर तेज हो तो वो हर इंसान को अपने मोह पाश में बांध लेता है | योगमाया देवी सौंदर्य और आकर्षण की प्रतिमूर्ति है | इससे बढ़कर कोई सुंदर नहीं |

यह किसी भी साधक को सौंदर्य प्रदान कर सकती है | इसके लिए यह एक अनुभूत साधना है | इससे व्यक्ति के हर पहलू में सौंदर्य आ जाता है | जहां महिलायें भी अपने में एक विशेष आकर्षण महसूस करती हैं | तेज और मादकता उनके चेहरे से छल्क उठती है और वह अपने सौंदर्य में किसी को भी बांधने की शक्ति अर्जित कर लेती है | इसके लिए यह साधना बहुत लाभकारी है | आप भी एक बार इसे संपन्न कर अपने को विशेष सौंदर्य से सराबोर करें |

यह आसान साधना है और इसे भी मोहिनी एकादशी को शुरू कर 11 दिन में पूर्ण करना है | इस हिसाब से आप 11 माला हर रोज कर सकते हैं | कुल मंत्र 7000 जप कर सकते हैं या 11 दिन 11 माला कर लें | इसके लिए जो सामग्री चाहिए उसमे आपके पास चाँदी की या नवरतनों की माला हो या स्फटिक की माला का प्रयोग कर लें या नवरंगी माला भी ले सकते हैं | जैसी माला इनमें से मिले प्रयोग में ले लें | दूसरा आपके पास भगवान विष्णु का और योगा माया का चित्र या मूर्ति हो | नगेंदर |

विधि 

सबसे पहले आप किसी बाजोट पर लाल वस्त्र बिछाकर देवी की और भगवान विष्णु की प्रतिमा का स्थापन करें अगर प्रतिमा या विग्रह न हो तो सुंदर चित्र का स्थापन कर लें |  सबसे पहले गुरु पूजन और श्री गणेश पूजन करें सद्गुरु का चित्र भी साथ में स्थापन करें और पूजन के बाद आज्ञा लेकर साधना शुरू करें |

देवी की प्रतिमा पर गुलाबी रंग का वस्त्र चढ़ाएं और केसर, कुंकुम, धूप, दीप, पुष्प, नैवेद्य के लिए शुद्ध घी की बनी हुई मिठाई आदि का भोग लगाएं,  फल चढ़ाएं और एक मीठा पान भी अर्पित करें | इस पुजा में केसर और पान विशेष स्थान रखता है, इसलिए यह दोनों चीजें ख़ासतौर पर पुजा में सम्मलित करें | हर रोज पूजन करना है | वस्त्र एक बार चढ़ा सकते हैं,  बाकी सामान रोज नया लें और पहला सामान किसी पात्र में उठा के रख दें |इसके साथ ही भगवान विष्णु की आराधना करें और चित्र का पूजन करें |

फिर उपरोक्त माला से 11 माला निम्न मंत्र का जप करें | ऐसा आपको 11 दिन करना है | 11 दिन के बाद सारी सामग्री जो पूजन के वक्त आपने उठा ली थी उसे जल प्रवाह कर दें और चित्र को पूजा स्थान में स्थापन कर दें | इस प्रकार यह साधना पूर्ण हो जाती है  | इसमें आसन पीला और दिशा पश्चिम को मुख रखें |

मंत्र

||  ॐ वं वं वं क्रीं आकर्षिणी स्वाहा  || 

Mantra

||  Om vam vam vam kreem akarshini svaha  || 

साधकों की सुविधा के लिए भगवान विष्णु जी और योग माया का संयुक्त चित्र दिया जा रहा है पोस्ट के साथ |

जय गुरुदेव… जय श्रीधाम ||