पीर बुद्धू शाह हज्रैत साधना || Peer Budhu shah hajrait sadhna

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यूं तो हज्रैत की सैंकड़ों विधियां हैं | हज्रैत सिद्ध करने से पूर्व कुछ बातों का खास ख्याल रखें | यह अपने आपमें एक सम्पूर्ण विद्या है और किसी भी गुप्त प्रश्न का उत्तर इससे आसानी से जाना जा सकता है | यह सुलेमानी ही नहीं बल्कि हिन्दू साधना में भी कर सकते हैं | इसे कोई भी सिद्ध कर सकता है | प्रश्न का उत्तर बताते वक़्त दो बातें ध्यान में रखें | इससे किसी की चोरी हुई वस्तु जान तो  सकते हैं मगर बताए नहीं, किसने की है पता तो चल जाता है मगर जिसका नाम आप बताएँगे वह आपका दुश्मन बन जाएगा | इसलिए चोरी का प्रश्न न लगायें |  दूसरा इसी तरह के प्रश्न से सावधान रहें | यह शिक्षा  मुझे पूज्य अखंडानन्द जी ने दी थी कि यारी और चोरी न बताना |  एक बार उसने चोरी हुई चीज बता दी थी, चोर तो पकड़े गए लेकिन वक़्त पाकर चोरों ने उसे आकर एक बोरी में बंद कर दरिया में फेकने ले गए | सद्गुरु की विशेष कृपा से वह बच गए | चलो यह तो एक अलग वाकया है | यहाँ एक बहुत ही सरल साधना दे रहा हूँ | इसे किसी भी गुरुवार अथवा शुक्रवार  कर सकते हैं | यह स्वयं सिद्ध साधना है | इसे किसी भी 10-12 साल के बच्चे को बैठाकर हज्रैत लगा सकते हैं | जहां आप हजरैत लगा रहे हैं वो कमरा साफ सुथरा हो और वहाँ थोड़ा सेंट वगैरा छिड़क कर सुघन्धित वातावरण बना लें | लोबान धूप धुका दें और बच्चे के कपड़े साफ सुथरे पहनाएं | एक अगरबत्ती लगा दें और बच्चे को बैठाकर अमल करें |

पहले यह अमल स्वयं सिद्ध कर लें इस विधि से | एक शीशी तेल की लें | उस पर मंत्र 101 बार पढ़ें और साथ ही मंत्र पढ़ते हुए लोबान को थोड़ा थोड़ा अग्नि पर या उपले पर डाल दें |

मंत्र

|| या अल्ला बहक्के घाह बुधु गायब की खबर बताओ ||

यह अमल गुरुवार करें | एक उपले को अंगियार बनाकर उस पर  थोड़ा थोड़ा लोबान धूप डालते जाएँ और जप 101 बार करें और प्रशाद पीले रंग का पास रखें जो अमल पूरा होने पर बच्चों में बाँट दें | अब हज्रैत लगायें | एक बच्चे को साफ सुथरे वस्त्र पहनाकर बैठा दें और उस अभिमंत्रित किये हुए तेल में से तेल लेकर बच्चे के नाखून पर लगा दें और 7 बार मंत्र पढ़ उसके सिर पर हाथ रखें और हाथ हटा लें | फिर उसे उस तेल लगे अंगूठे में देखने को कहें और निम्न विधि से हज्रैत लगायें | एक छोटे से कागज पे तीन बार काली स्याही से लिखें या काला पेन इस्तेमाल करें |

याह बुधु !

याह बुधु !

याह बुधु !

1. इसको फ़ोल्ड करें और बच्चे के नाखून के नीचे रख दें |

2. जो आप बोलें बच्चे से भी वोही बुलवाएँ |

3. पहला — जिबराईल जी सलाम |

4.जिबराईल जी पानी वाले को बुलाओ, पानी वाला पानी छिड़क दे |

5.जिबराईल जी पानी वाले को भेज दो अब दरी (कालीन )वाले को बुलाओ, दरी वाला दरी बिछा दे |

6.जिबराईल जी दरी वाले को भेज दो अब पीर जी की कुर्सी लगाओ |

7. पीर जी आकर कुर्सी पर बैठो | पीर जी सलाम |

8. जिसे भी आप बुलायेंगे बच्चे को सब दिखाई देगा और उस से पुछते जाएँ वो बताता जाएगा | अब जब पीर जी बैठ जाएँ तो सवाल करें |

9. पीर जी एक प्रश्न है बताओगे तो हाथ खड़ा करें |

जब पीर जी हाथ खड़ा कर इशारा दें तो अपना सवाल इस प्रकार रखें जैसे किसी के बारे में पूछना हो तो उसका नाम, अड्रेस आदि बताएं (पीर जी यह आदमी अमुक नाम, अमुक शहर का रहने वाला है इसके घर में क्या है या  इस प्रकार कहें  जिबराईल जी इस नाम के आदमी को ले के आयें, इसका घर भी लायें)

फिर सवाल करें, पीर जी इस आदमी को देखें इसे क्या हुआ है | इस पर अगर किसी ने जादू किया है तो एक ऊँगली खड़ी करें,  अगर बीमारी है तो दो ऊँगली खड़ी करें, अगर लाग लपेट (अगर किसी को राह चलते कोई तंत्र चीज ने पकड़ लिया हो या टूना वगैरा लांघा गया हो उसे लाग लपेट कहते हैं) तो तीन ऊँगली  खड़ी करें, अगर किसी देवता की क्रोपी है तो हाथ खड़ा करें |

अब जो ही इशारा मिले तो उसी के मुताबिक सवाल करें और उसके निवारण के लिए क्या करना चाहिए पूछें | अगर देव क्रोपी हो तो देवता को बुलाएं या कहें, जिबराईल जी इस देवता  को लेकर आयें, फिर कहें, जिबराईल जी इस देवता को कुर्सी दें या  कुर्सी पर बैठाएं | फिर देवता को प्रणाम करें और पूछें कि इस आदमी से क्या गलती  हुई है तो वह देवता दिखा देगा और बच्चा आपको बता देगा | जो उसे चाहिए वो दिखा देगा | इस प्रकार उस आदमी को करने को कहें | अगर पितर हो तो सफ़ेद वस्त्रों में बुजुर्ग दिखाई देंगे या जो भी बच्चा बताए उसकी बातों से अंदाजा लगा सकते हैं और जो वो मांगे वो भी दिखा देंगे |  अगर उन्हे भोजन चाहिए तो भी बता देंगे या दिखा देंगे | इसी प्रकार हर सवाल का उत्तर लिया जा सकता है | भूल के भी लॉटरी का नंबर या सट्टे का नंबर न पूछें नहीं तो हज्रैत काम नहीं करेगी | इसे जन कल्याण के लिए इस्तेमाल करें | इसी प्रकार हर सवाल का उत्तर लिया जा सकता है |

नागेंद्रानंद