दरिद्रता नाशक अन्नपूर्णा साधना – Anpurna Sadhna -2

Posted on Posted in Shakti Sadhna

यह एक अनुभूत साधना है | इसका प्रभाव बहुत ही तीक्ष्ण है | यह जहां साधक के घर की दरिद्रता का नाश करती है वहीँ उसके घर को धन धान्य से भरपूर कर देती है | इस साधना की जितनी व्याख्या की जाए कम है इसलिए सीधे विधि और विधान दे रहा हूँ | इससे व्यक्ति कर्ज से मुक्त होता है | भगवती की कृपा से घर में अन्न तथा धन की कमी हमेशा के लिए दूर हो जाती है |

विधि

  1. इस साधना को गुरु पुष्य नक्षत्र या रवि पुष्य नक्षत्र या नवरात्रि दीपावली आदि शुभ मुहूर्त में शुरू करें |

  2. आसन और वस्त्र लाल शुभ है |

  3. दिशा उतर की तरफ मुख करें |

  4.  जाप संख्या 11 माला जप 21 दिन या 41 दिन किया जा सकता है |

5. माला रुद्राक्ष की लें |

  6. पहले एक बाजोट पर लाल वस्त्र बिछा कर भगवती अन्नपूर्णा का यंत्र अथवा चित्र स्थापित करें | उसके साथ ही गुरु चित्र स्थापित कर दें | पहले गुरु पूजन कर आज्ञा लें और फिर गणेश पूजन कर भगवती के चित्र या यंत्र का पंचौपचार पूजन करें |

  7. मंत्र जाप के वक़्त अखंड घी की ज्योत जगाए |

  8. एक लोटे में जल लेकर कलश स्थापित करें और कलश के नीचे जौ बिछा दें और एक नारियल लाल वस्त्र में लपेट कर कलश के उपर रख दें | उसका पंचौपचार पूजन करें फिर अक्षत की एक ढेरी के उपर ज्योत रख कर जगा दें और ज्योत को माँ भगवती का स्वरूप मान कर उसका भी पूजन करें | अपने जीवन में आ रही कमियों को दूर करने के लिए सद्गुरु जी और माँ भगवती से प्रार्थना करते हुए संकल्प लें | फिर नीचे लिखे मंत्र से ध्यान करते हुए लाल पुष्प, अक्षत, धूप, दीप से पूजन करें | नैवेद्य के लिए खीर का भोग लगायें |

ध्यान

ॐ तप्त-स्वर्णनिभां शंशाक- मकुटां रत्नप्रभा –भासुरीं

नानावस्त्र -विभूषितां त्रिनयनां गौरी रमाभ्या –युताम |

दर्वी –हाटक – भाजनं च दधतीं रम्योच्चपीनस्त्नीम ,

नित्यं तां शिवमाकलय्य मुदितां ध्यायेअंपूर्णेश्र्व्ररीम् ||

 

इस तरह ध्यान मंत्र का 5 बार उच्चारण करें और फिर नीचे लिखे मंत्र की 11 माला जप करें |

इस साधना को शाम 7 से 10 बजे के बीच कर सकते हैं |

मंत्र

|| ॐ ह्रीम श्रीम कलीं नमो महेश्र्वरि ममाभिमतमन्नं देहि देहि अन्नपूर्णे स्वाहा ||

यदि इस मंत्र का जाप दुकान में शुद्ध आसन पर बैठ कर करें तो बहुत लाभ मिलता है |