जब कोई अपना रूठ कर घर से चला जाता है | उसका विछोह दुख का अनुभव परिवार जानता है जिसके साथ यह हादसा होता है | कई बार दिमाग में परेशानी की वजह से ऐसा होता है अथवा किसी के द्वारा किए अभिचार से | कारण कोई भी हो किन्तु अपने परिवार को त्यागना आसान नहीं होता | गुमशुदा व्यक्ति की कैसे तलाश हो? कैसे उसे घर वापिस लाया जाए? यह एक गहन चिंता का विषय है |
ऐसे बहुत से विधान हमारे ग्रंथो में मिलते हैं | यहाँ मैं एक ऐसा ही अनुभूत विधान दे रहा हूँ जो सरल भी है और प्रभावकारी भी | जो आप के गए हुए अपने को आपसे मिला देगा | यह प्रयोग पूरी तरह अनुभूत किया है | हर बार सफल हुआ है | इसके लिए आप इस प्रयोग को उपयोग कर लाभ उठा सकते हैं |
एक साफ भोजपत्र पर पंचदशी यंत्र लिखें और उसके नीचे गए हुए व्यक्ति और उसकी माता का नाम लिखे | यंत्र अष्टगंध या केसर से लिखें | उसका धूप, दीप आदि से पंचोपचार पूजन करें | फिर उसे निम्न मंत्र से अभिमंत्रित करें | आप को 108 बार यह मंत्र उस यंत्र के समक्ष पढ़ना है | इस प्रकार यंत्र अभिमंत्रित हो जाएगा | फिर उसे घर से भागे हुए व्यक्ति के वस्त्र के साथ कुछ वजन देकर सुरक्षित रख दें | ध्यान रहे कि यंत्र और वस्त्र हिलने न पायें | इसे शुद्ध स्थान पर रखें और 21 दिन तक इस यंत्र को दबाव के नीचे रखना है | प्रति दिन धूप, दीप करके 21 बार इस मंत्र का जप करते रहें | इससे घर से भागा व्यक्ति वापिस आ जाएगा, अगर जीवत है | अगर बंधन में हो तो भी पता चल जाएगा | यह एक अनुभूत किया प्रयोग है | जब व्यक्ति वापिस आ जाए तो यंत्र का पूजन कर उसे शुद्ध जल में प्रवाहित कर दें |
मंत्र
ॐ कलीम ज्ञानि नामपि चेतान्सि देवी भगवती हि सा |
बलादाकृष्य मोहा ये महामाया प्रयच्छति क्लीम ॐ ||
Om Kleem Gyaani Naampi Chetaansi Devi Bhagwati He Saa |
Blaadaakrishy Moha Ye Mahaamaayaa Prayachhti Kleem Om ||