एक मंत्र गुरुवाणी का दे रहा हूँ | इससे धन की बरकत होती रहती है | बहुत कोशिश के बाद भी कई बार धन जुटाने के साधन कम पड़ जाते हैं और बेरोजगारी आदि की वजह से हम अपने कर्तव्य का ठीक से निर्वाह नहीं कर सकते | व्यक्ति धन के लिए प्रयंत्न करता है लेकिन हजार कोशिश के बाद भी समस्या बनी रहती है | जब कोई रास्ता न दिखाई न दे तो मंत्र साधना आपके काम आ सकती है | इस मंत्र को सैकड़ों बार परखा गया है | इसे करने के लिए किसी भी गुरुवार शुद्ध सफ़ेद वस्त्र धारण करें और सफ़ेद आसन पर उतर दिशा की ओर मुख कर बैठ जाएँ | गुरु पूजन कर इस मंत्र का 108 बार किसी भी माला सफ़ेद हकीक की हो तो उतम है, से जप करें | एक माला करना है और 21 दिन करना है, बाद में भी नियमित रूप में कर लिया करें 21 बार या एक माला | इससे धन प्राप्ति के बहुत से साधन स्वयं बन जायेंगे | किसी न किसी वजह से धन आता रहेगा | जप करते वक़्त अगरबत्ती लगा लें और एक लोटे में शुद्ध जल पास रख लें | जब पाठ से उठ जाएँ तो वो जल किसी भी पौधे को डाल दें |
मंत्र
|| तिचर मूल न थोड़ीदों जिचर आप किरपाल, शब्द अखुट बाबा नानका खहि खर्च धन माल ||