यह कुबेर का रूप सर्व मंगल स्वरूपी है | धन आदि जीवन में प्राप्त होता रहे और सभी कार्य नियमित रूप से चलते रहें , भाग्य साथ दे और हम जो भी कार्य करें उसका हमें पूरा फल मिले, इसलिए इनकी साधना की जाती है |
लाल वस्त्र पर कुबेर यंत्र का स्थापन करें | लाल पुष्प लेकर मंत्र पढ़ते हुये धन कुबेर की स्थापना यंत्र पर करें |
|| ॐ हसौं धन कुबेराये एहः आगच्छ तिष्ठ तिष्ठ स्वाहा ||
1. दिन मंगल वार श्रेष्ठ है |
2. वस्त्र और आसन लाल ठीक हैं |
3. दिशा पूर्व की और मुख रखें |
4. माला रुद्राक्ष की लें और 7 ,11 या 21 माला जप करें |
5. यंत्र का पंचौप्चार पूजन करें धूप दीप आदि से |
6. भोग खीर का लगायें | यंत्र के पास ही एक पात्र में खीर का भोग रखें | भोग खीर, मेवे आदि का भोग लगायें |
7. साधना टाइम शाम 7 से रात्री 10 बजे के बीच कभी भी करें |
8. जप पूर्ण होने पर लाल पुष्प, कुंकुम मिश्रित अक्षत आदि चढ़ाएं और आरती करें | कुछ दिन तक मानसिक जप करते रहें | भोग स्वयं ग्रहण करें और परिवार में बाँट दें | साधना पूर्ण होने पर यंत्र और माला को पुजा स्थान में स्थापित कर दें बाकी शेष सामग्री को उसी वस्त्र में बांध कर जल प्रवाह कर दें |
मंत्र
|| ॐ हसौं धन कुबेराये हुं ||
|| Om Hsoum Dhan Kuberaaye Hum ||