जीवन में जब भाग्योदय होता है और गुरु की असीम कृपा प्राप्त होती है तब ये दुर्लभ साधना प्राप्त होती है | सभी मन्त्रों का सार है इस साधना का मंत्र | अष्ट सिद्धियों को आत्मसात करने की अद्भुत साधना है उच्छिस्ट गणपति साधना |
विधि
किसी भी बुधवार से आप यह साधना शुरू कर सकते हैं | अष्टदल बनाकर बीच में गणेश चित्र या प्रतिमा या सुपारी स्थापित करें | अष्टदल के आठ पत्तों पर 8 सुपारी अष्ट महासिद्धियों के प्रतीक रूप में स्थापित करें | सामान्य या पंचौपचार पूजन करें | साधना के लिए मानसिक गुरु आज्ञा लें फिर गणेश पूजन, गुरु पूजन करें फिर अष्ट महासिद्धि का पूजन कुमकुम रंगे चावल में कपूर मिलाकर करें और अष्ट महासिद्धि मन्त्रों से नमस्कार करें | हर सुपारी पर एक एक 1 रुपये का लोहे वाला सिक्का चढ़ा दें |
अष्ट महासिद्धियों को पूर्व से क्लॉक वाइज स्थापित करें |
ध्यान मंत्र
सिन्दूरवर्णसंकाशं योगपट्टसमन्वितं लम्बोदरं महाकायं मुखं करिकरोपमं |
अणिमादिगुणयुक्तं अष्टबाहुं त्रिलोचनं विजयाविद्युतं लिंगं मोक्षकामाय पूजयेत ||
अष्ट सिद्धि मंत्र
हाथ जोड़ कर खड़े होकर पूर्व दिशा की तरफ मुंह करके एक बार जाप करें-
ॐ अं अणिमायै नमः स्वाहा |
अब दक्षिण पूर्व की तरफ मुंह करके जाप करें –
ॐ प्रं प्राप्त्यै नमः स्वाहा |
अब दक्षिण की तरफ मुंह करके जाप करें –
ॐ मं महिमायै नमः स्वाहा |
अब दक्षिण पश्चिम की तरफ मुंह करके जाप करें –
ॐ इं इशितायै नमः स्वाहा |
अब पश्चिम के तरफ मुंह करके जाप करें –
ॐ वं वशितायै नमः स्वाहा |
अब उत्तर पश्चिम की तरफ मुंह करके जाप करें –
ॐ कं कामवशितायै नमः स्वाहा |
अब उत्तर की तरफ मुंह करके जाप करें –
ॐ गं गरिमायै नमः स्वाहा |
अब उत्तर पूर्व की तरफ मुंह करके जाप करें –
ॐ सिं सिद्धयै नमः स्वाहा |
अष्ट महासिद्धियों का पूजन क्लॉक वाइज करें |
इसके बाद गणेश जी के वाहन के लिए अलग से २ लड्डू या गुड़ रखें और पूजन कर २१ बार मंत्र पढ़ें |
वाहन मंत्र
ॐ मं मूषिकायै गणाधिपवाहनाय धर्मराजाय स्वाहा |
इसके बाद निम्न मंत्र का 108 माला 14 दिन तक जाप करें | इसमें आपको लाल चन्दन की माला प्रयोग करनी है |
मंत्र
ॐ हस्ति-पिशाचि-लिखे स्वाहा |
|| Om Hasti Pishaachi Likhe Swaha ||
मंत्र जाप के बाद क्षमा प्रार्थना एवं जप समर्पित करें और आसन से उठ जाएँ |
साधना पूर्ण होने पर एक पुष्प पूर्णआहुति मन्त्र पढ़ कर गणेश जी के चरणों में चढ़ा दें और अष्ट सिद्धियों को आत्मसात होने के लिए प्रार्थना करें | 8 सुपारी व सभी आठों सिक्के लाल वस्त्र में बाँध कर संभाल कर रख लें | गणेश चित्र को पूजा कक्ष में स्थापित करें | अपने अनुभव गुरु आज्ञा से ही किसी अन्य को बता सकते हैं या गुरु के सिवाय किसी और को न बताएं | बाकी शेष सामान पूजन का जोकि आपने 14 दिन जाप किया, प्रवाहित कर दें |