अमृत कुबेर की साधना स्वास्थ्य लाभ, रोग अति आदि की समाप्ती के लिए की जाती है | क्योंकि स्वास्थ्य ही सबसे बड़ी पूंजी होती है | अमृत कुबेर मानसिक रोग को समाप्त करने और समस्त रोगों का नाश करते हैं
नीले रंग का वस्त्र बाजोट पर बिछाएं और उस पर कुबेर यंत्र स्थापित करें |
|| ॐ हसौं अमृत कुबेराये एहः आगच्छ तिष्ठ तिष्ठ स्वाहा ||
1. नीले रंग का वस्त्र बिछा कर नीले रंग के आसन पर बैठ कर जप करें |
2. दिन शुक्रवार ठीक है |
3. दिशा पश्चिम की और मुख रखें |
4. यंत्र के पास ही एक पात्र में दही भी स्थापित करें |
5. माला मोती की लेनी है |
6. 7 ,11 या 21 माला जप करना है |
7. मिठाई लड्डू, बर्फी आदि का भोग लगाएं | भोग स्वयं ग्रहण करें और परिवार आदि में बाँट दें | दही छत पर पक्षियों के लिए रख दें |
8. जप पूरा होने पर कमल का पुष्प अथवा लाल फूल अक्षत आदि अर्पित करें | साधना समाप्ति पर यंत्र और माला को छोड़ कर शेष सामग्री उसी वस्त्र में बांध कर जल प्रवाह कर दें | दही पक्षियो को डाल दें | साधना के बाद कुछ दिन तक मानसिक जप करते रहें |
मंत्र
|| ॐ हसौं अमृत कुबेराये हुं ||
Mantra
|| Om hsoum Amrit kuberaye hum ||
ॐ